| 1. | यह सौंदर्य, बल, ब्रह्मचर्य एवं स्मृति वर्धक व कीटाणु, त्रिदोष और विष नाशक है।
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| 2. | यह घृत अत्यन्त विष नाशक है. मृत प्रायः रोगी भी बच जाता है. कृष्णादि क्वाब (रा.
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| 3. | गाय का गोबर विष नाशक, कीट नाशक, और खाद के रूप में किये जाने का उलेख है!
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| 4. | यह सौंदर्य, बल, ब्रह्मचर्य एवं स्मृति वर्धक व कीटाणु, त्रिदोष और विष नाशक है।
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| 5. | 4. सांप या बिच्छु के काटने पर इसकी पत्तियों का रस,फूल और जडे विष नाशक का काम करती हैं।5. तु(...)'
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| 6. | 4. सांप या बिच्छु के काटने पर इसकी पत्तियों का रस, फूल और जडे विष नाशक का काम करती हैं।
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| 7. | नि.. गर विष-अपामार्य के और सिरस के बीज, दोनोंप्रकार की मकोय और कोयले को गौमूत्र में पिष्ट कल्क तथा चतुर्गुण जल के साथसिद्ध घृत अत्यन्त विष नाशक है.
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| 8. | विष नाशक टोटके सांप के काटने से मनुष्य का पूराशरीर विष युक्त हो जाय तो उससमय गाय के दूध में हल्दी काकाढ़ा सेवन करने से लाभ होजाता है।
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| 9. | बिच्छू विष नाशक टोटका पुत्रजीवा के फल की मज्जा, पलाशव करंज को पानी में पीसकर प्रभावित अंग पर लेप करने से बिच्छूका विष नष्ट हो जाता है।
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